Monday 31 January, 2011

मिस्र के कवरेज को इस्लामी कट्टरपंथ के साथ जोड़कर देखने की वजह से पश्चिमी मीडिया वहां के आंदोलन में शामिल महिलाओं के दृश्य नहीं दिखाता। भारत का एक भी पत्रकार वहां नहीं है। भारतीय मीडिया पश्चिमी देशों के न्यूज सोर्स पर निर्भर है। इसलिए भारतीय समाचार माध्यमों में भी यही इमेज जा रही है। We are all Khaled Said में पोस्ट किया गया यह अलबम बताता है कि मिस्र में महिलाएं बड़ी संख्या में सड़कों पर हैं। http://ping.fm/o9ZJI

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